अब डायबिटीज की दवा से हार्ट फैल के मामले भी कंट्रोल किए जा सकेंगे। ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन की हालिया स्टडी के मुताबिक, हाई ब्लड शुगर को कंट्रोल करने वाली दवा ‘एमपैग्लीफ्लोजिन’ से मरीजों का हार्ट फेल होने से बचाया जा सकता है। यह दवा लेने के मात्र तीन महीने के अंदर हार्ट के काम करने क्षमता में इजाफा होता है और हार्ट फेल होने का खतरा घट जाता है।
वजन घटा और ब्लड प्रेशर में सुधार हुआ
रिसर्च कहती है, जो मरीज ट्रायल में शामिल हुए उनका वजन भी कम हुआ और ब्लड प्रेशर में भी सुधार हुआ। शोधकर्ताओं का कहना है, टाइप-2 डायबिटीज तीन गुना तक हृदय रोगों का खतरा बढ़ाती है। वहीं, एक तिहाई लोगों की हृदय रोगों से मौत हो जाती है।
ऐसे काम करती है दवा
शोधकर्ताओं का कहना है, दवा ‘एमपैग्लीफ्लोजिन’ शरीर में पहुंचकर अतिरिक्त शुगर को यूरिन के रास्ते बाहर निकालने का काम करती है। यह शुगर को ब्लड में पहुंचने से रोकती है, इसलिए डायबिटीज को कंट्रोल में रखती है। यह दवा डायबिटीज से परेशान मरीजों में हृदय रोगों का खतरा घटाने काम भी करेगी।
हर पांच में से एक मरीज की हार्ट अटैक से मौत
रिसर्च के मुताबिक, दस लाख ब्रिटिश हृदय रोगों से जूझ रहे हैं। ऐसे मामले तब सामने आते हैं जब हृदय कमजोर पड़ जाता है और ब्लड को पम्प करने की क्षमता घटने लगती है। ब्रिटेन में हर साल 5 पांच में से एक मरीज की मौत हार्ट अटैक से हो जाती है। ऐसे मरीजों में सांस लेने में दिक्कत और थकान जैसे लक्षण दिखते हैं।
लीड्स यूनिवर्सिटी की नई रिसर्च के मुताबिक, टाइप-2 डायबिटीज से जूझ रहे 18 मरीजों को यह दवा दी गई और 12 हफ्तों पर मॉनिटरिंग की गई। इनमें से किसी भी मरीज का हार्ट फेल नहीं हुआ। रिसर्च की शुरुआत से पहले इन मरीजों के हार्ट कमजोर होने की पुष्टि हुई थी।
हार्ट के ब्लड पंप करने की क्षमता में इजाफा हुआ
रिसर्च में शामिल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. शर्मेन थिरुनवुकरशु कहते हैं, ट्रायल के दौरान सामने आया कि ज्यादातर मरीजों के हृदय की एनर्जी में सुधार हुआ। साथ ही हार्ट के ब्लड पंप करने की क्षमता में भी इजाफा हुआ। डॉ. शर्मेन के मुताबिक, यह दवा हार्ट की मांसपेशियों पर भी असर डालती है और उसे मजबूत बनाती है।