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घग्घर नाली बेड क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करवाने की मांग

  • सेम पीड़ित इलाके के किसानों ने जिला कलक्टर को सौंपा ज्ञापन
    हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)।
    घग्घर नाली बेड क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करवाने व भैरूसरी से बड़ोपल ढाब तक सेमनाला की सिल्ट सफाई करवाने सहित छह सूत्री मांगों के संबंध में सेम पीड़ित किसानों ने सोमवार को जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। सेम पीड़ित किसानों ने बताया कि वे पिछले दिनों घग्घर नदी में आए अत्यधिक पानी की वजह से काफी परेशान हैं। जीडीसी के बहाव क्षेत्र के डिप्रेशन नम्बर 1 से लेकर 10 तक पानी से भरे हुए हैं। उनसे लगातार हो रहे सिपेज की वजह से उक्त क्षेत्र में सेम बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि हनुमानगढ़ नाली क्षेत्र का बहाव क्षेत्र 6 बीघा जो कि खरीफ की फसल में पानी चलाया जाना चाहिए लेकिन इसमें अतिक्रमण की वजह से पूरा पानी चलाया जाना मुश्किल है। इसलिए नाली बेड क्षेत्र तुरन्त प्रभाव से अतिक्रमण मुक्त करवाया जाए। बड़ोपल ढाब के सभी पम्प नियमित चलाने व निर्बाद्ध विद्युत आपूर्ति के लिए बड़ोपल गांव की लाइन को अलग करवाया जाए ताकि गांव से लगने वाले विद्युत कट से पम्प हाऊस की विद्युत आपूर्ति बाधित न हो। जीडीसी की आरडी 142 से 158 तक को पक्का करवाया जाए। क्योंकि जीडीसी का यहां ग्राउण्ड लेवल से काफी ऊंचाई पर बेड लेवल है। जीडीसी के दोनों तरफ सेम के पानी से दलदल है तो यहां टूटने का खतरा ज्यादा बना रहता है। अगर इस क्षेत्र से घग्घर नदी (जीडीसी) भविष्य में कभी टूटती है तो हनुमानगढ़ जिले की दर्जनों पंचायतों समेत सूरतगढ़ शहर तक इससे डूबने का खतरा रहता है। घग्घर डिप्रेशन नम्बर 8 (रंग महल) के स्केप को तुरन्त प्रभाव से खुलवाकर सभी डिप्रेशनों का पानी नाली बेड में छुड़वाया जाए। क्योंकि अभी नाली बेड में पानी का बहाव बिल्कुल कम है व इन डिप्रेशनों के पानी से दर्जनों पंचायतों के खेतों में सेम का पानी दुबारा भरने का खतरा बना हुआ है। अगर इस पर तुरन्त प्रभाव से अमल नहीं होता है तो किसान अपने स्तर पर गेट खोलने को मजबूर होंगे। इसके अलावा भैरूसरी से बड़ोपल ढाब तक सेम नाले की सिल्ट सफाई तुरन्त प्रभाव से करवाई जाए। क्योंकि अत्यधिक बरसात की वजह से इस क्षेत्र में बहुत ज्यादा सिल्ट आने से सेमनाला जगह-जगह अवरूद्ध हो चुका है। घग्घर बहाव क्षेत्र से बाहर जिन किसानों के खेतों में ढाणियां डूबी हैं, उन्हें अब सर्वे करवाकर तुरन्त क्षतिपूर्ति मुआवजा दिया जाए। इस मौके पर राकेश, मोमन, हरविन्द्र सिंह, हनुमान बिश्नोई, जगदीश, अमरचन्द, दुर्गादत्त शर्मा, दलीप, पवन, शिवभगवान, रामप्रताप, रोहताश, भादरराम, बजरंग लाल, महेन्द्र, आत्माराम सहित सेम पीड़ित इलाके के कई अन्य किसान मौजूद थे।