![सबसे बड़ी पड़ताल:27 साल में 2000 करोड़ खर्च; फिर भी बॉर्डर के कई गांवों में ना सड़क ना अस्पताल, वजह-इस पैसे से अफसरों ने खरीदी गाड़ियां, शहर में कराए काम](https://seema-sandesh.com/wp-content/uploads/2021/02/Untitled-1-copy-6-720x440.jpg)
सबसे बड़ी पड़ताल:27 साल में 2000 करोड़ खर्च; फिर भी बॉर्डर के कई गांवों में ना सड़क ना अस्पताल, वजह-इस पैसे से अफसरों ने खरीदी गाड़ियां, शहर में कराए काम
बीकानेर
बदतर हैं बल्लर गांव के हाल
सीमा से जुड़े गांवों में विकास के लिए लागू बॉर्डर एरिया डवलपमेंट प्रोजेक्ट का सच उजागर करती सबसे बड़ी पड़तालप्रदेश के चार जिलों में 1083 गांवों का डवलपमेंट करना है प्रोजेक्ट के जरिए
ये है अंतरराष्ट्रीय सीमा का आखिरी गांव 19 बीडी। यहां से बाॅर्डर पार पाकिस्तान की चौकी साफ नजर आती है। इस गांव में ना तो सड़क है और ना ही अस्पताल। रात में कोई बीमार हो जाए तो इलाज के लिए 20 किलोमीटर दूर खाजूवाला या 120 किलोमीटर दूर बीकानेर जाना पड़ता है। सेना के आने-जाने के लिए भी जर्जर सड़क है। गांव की नालियाें से लेकर सड़क तक पक्की नहीं है।
यहां इस गांव की चर्चा इसलिए की जा रही है, क्योंकि पांच साल में बॉर्डर एरिया डवलपमेंट प्रोजेक्ट (बीएडीपी) समेत अन्य योजनाओं से इस गांव पर 55 लाख का खर्च दिखाया गया है। इस गांव समेत बाॅर्डर से सटे ऐसे तमाम गांवों का ऐसा हाल ...