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साइंस

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फिजिकली चैलेंज लोगोंं को कितनी एक्सरसाइज करनी चाहिए?

फिजिकली चैलेंज लोगोंं को कितनी एक्सरसाइज करनी चाहिए?

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ब्रिस्टल सक्रिय होना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए अच्छा है। यही कारण है कि साक्ष्य-आधारित सिफारिशें लंबे समय से लोगों को यह सलाह देने के लिए मौजूद हैं कि स्वस्थ तन और मन बनाए रखने के लिए उन्हें प्रत्येक सप्ताह कितना और किस प्रकार का व्यायाम करना चाहिए। लेकिन सालों से इन सिफारिशों ने विकलांग लोगों की जरूरतों को काफी हद तक नजरअंदाज किया है। हालांकि 2019 में विकलांग वयस्कों के लिए शारीरिक गतिविधि दिशानिर्देश तैयार किए गए थे, फिर भी बच्चों और युवाओं के लिए इस बात के सुनिश्चित दिशानिर्देश नहीं थे कि उन्हें कितनी शारीरिक गतिविधि की आवश्यकता है। इस अनिश्चितता और साक्ष्य-आधारित दिशा-निर्देशों की आवश्यकता को देखते हुए हमारी टीम ने अब दो से 17 वर्ष की आयु के विकलांगों के लिए यूके के पहले शारीरिक गतिविधि दिशानिर्देश प्रकाशित किए हैं। हमने जो सिफारिशें की हैं, वे वैज्ञानिक अनुसंधान ...
कप में स्पंजी ढोकला कैसे बनाएं? फॉलो करें यह सिम्पल रेसिपी

कप में स्पंजी ढोकला कैसे बनाएं? फॉलो करें यह सिम्पल रेसिपी

यात्रा, लाइफस्टाइल, साइंस
नई दिल्ली ढोकला बनाने में सबसे बड़ी परेशानी यह होती है कि कई कोशिशों के बाद भी ढोकला स्पंजी नहीं बन पाता है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह होती है कि ढोकला बनाने के लिए बेसिक चीजों का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है जिससे कि ढोकला स्पंजी बन सके।  सामग्री-1 कप बेसन, आधा कप दहीआधी छोटी चम्‍मच हल्‍दी2 टी-स्पून ईनो1 बारीक कटी हरी मिर्च1 छोटी टी-स्पून अदरक का पेस्‍ट1 बड़ी टी-स्पून चीनी1 बड़ा टी-स्पून तेलस्‍वादानुसार नमक1/4 कप पानीराईकरी पत्ता विधि-सबसे पहले एक बाउल में बेसन लें। इसके बाद इसमें गाढ़ा दही डाल लें लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि दही खट्टा न हो। अब अलग से अदरक का पेस्ट बना लें और इसके बाद अदरक के पेस्‍ट के साथ चीनी और हल्‍दी को बेसन के घोल में डाल दें। अब इसे अच्‍छी तरह से मिक्‍स कर लीजिए. मिश्रण तैयार करने के बाद इस घोल में तेल, नमक और पानी डाल दें और अच्‍छे से मिक्‍स कर लें। ध्यान ...
सीख लें गाजर के अचार की ये झटपट रेसिपी, बनाएं और तुरंत खाएं

सीख लें गाजर के अचार की ये झटपट रेसिपी, बनाएं और तुरंत खाएं

यात्रा, लाइफस्टाइल, साइंस
मुंबई भारतीय खाने का टेस्ट बढ़ाने में अचार का बड़ा रोल होता है। अचार लोगों को पसंद तो होते हैं पर कई बार लोगों को सही रेसिपी नहीं पता होती। इस वजह से अचार खराब भी हो जाते हैं। मार्केट में अचार मिलते हैं लेकिन घर के अचार की बात ही कुछ और होती है। सर्दियां अब जा रही हैं। ऐसे में गाजर का अचार बनाकर रख सकते हैं। अगर आप झटपट बनाकर खाना चाहते हैं तो इंस्टंट रेसिपी नोट कर सकते हैं। इसमें आपको अचार बनाकर धूप में सुखाने का झंझट नहीं करना पड़ेगा। बनते ही खा सकते हैं। ...
कोविड-19 से ऐसे खराब हो रही है आपकी मेंटल हेल्थ

कोविड-19 से ऐसे खराब हो रही है आपकी मेंटल हेल्थ

यात्रा, लाइफस्टाइल, साइंस
वाशिंगटन अमेरिका में हुए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के एक साल बाद तक घबराहट, अवसाद और सोने में दिक्कत जैसी मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ''दि बीएमजे'' में बुधवार को प्रकाशित अध्ययन में कहा गया कि कोविड-19 से पीड़ित होकर ठीक हो चुके लोगों को मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए। महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक दुनिया में 40 करोड़ 30 लाख और अमेरिका में सात करोड़ 70 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं। अध्ययन के वरिष्ठ लेखक, वाशिंगटन विश्वविद्यालय के जियाद अल अली ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, “कोविड-19 संक्रमण ने दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के 1,48,00,000 नए मामले पैदा किये और महामारी के कारण अमेरिका में ऐसे 28 लाख से ज्यादा मामले सामने आए।” अनुसंधानकर्ताओं ने अमेरिका के पूर्व सैनिक कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय ...
क्या शहतूत कैंसर के लिए एंटीडॉट का काम करते हैं? आइए चैक करते हैं क्या यह वाकई सच है

क्या शहतूत कैंसर के लिए एंटीडॉट का काम करते हैं? आइए चैक करते हैं क्या यह वाकई सच है

यात्रा, लाइफस्टाइल, साइंस
नई दिल्ली गर्मियों के दिनों में खट्टा मीठा शहतूत (Mulberry fruit) आप सभी ने खाया होगा। यह जितना टेस्टी होता है, उतना ही पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। शहतूत के फलों में बड़ी मात्रा में बॉयोएक्टिव कंपाउंड पाए जाते हैं। इसके चलते इसका उपयोग हर्बल दवाइयों में किया जाता है। इसके अलावा शहतूत लीवर प्रोटेक्टिव, एंटी-फ़्लॉजिस्टिक, हाइपोटेंशन, किडनी प्रोटेक्टिव, मूत्रवर्धक, एंटी-कफ और एनाल्जेसिक होता है।  ...
आप सिंगल क्यों हैं? कहीं इन पांच बातों में तो नहीं छुपी वजह?

आप सिंगल क्यों हैं? कहीं इन पांच बातों में तो नहीं छुपी वजह?

यात्रा, लाइफस्टाइल, साइंस
नई दिल्ली 'आप सिंगल क्यों हैं?' आपसे अगर कोई यह सवाल करे, तो आपका क्या जवाब होगा? आपका जवाब जो भी हो लेकिन सिंगल रहने से जुड़ीं ऐसी कई चीजें हैं, जो कॉमन हैं इसलिए आप अगर सिंगल हैं, तो आपको कुछ बातों को समझना बेहद जरूरी है। आपको कुछ पॉइट समझने चाहिए, जो आपके खिलाफ जाते हैं।  मैं तो कब से सिंगल हूं मैं तो कब से सिंगल हूं या फिर भी सिंगल फॉरएवर जैसे डायलॉग आपको कूल दिखाने से ज्यादा आपके खिलाफ ही जाते हैं क्योंकि इससे आपके लिए लोगों के मन में सोच बन जाती है कि आपको कोई भी डेट नहीं करना चाहता। ...
गोल्ड जूलरी के अलावा इन फैशन एक्सेसरीज के दीवाने थे बप्पी दा, इतने करोड़ की प्रॉपटी के थे मालिक

गोल्ड जूलरी के अलावा इन फैशन एक्सेसरीज के दीवाने थे बप्पी दा, इतने करोड़ की प्रॉपटी के थे मालिक

यात्रा, लाइफस्टाइल, साइंस
नई दिल्ली आइकॉनिक सिंगर बप्पी लहरी के निधन से एंटरटेंनमेंट इंडस्ट्री में शोक का माहौल है। बप्पी दा के गानों के अलावा लोग उनकी ओवरऑल पर्सनैलिटी को भी काफी पसंद करते थे। साथ ही बप्पी दा के स्टाइल को भी फैन्स काफी सराहा करते थे। बप्पी दा का नाम याद आते ही गले में खूब सारे गोल्ड नेकलेस पहने इंसान की इमेज सामने आ जाती है। गोल्ड नेकलेस बप्पी दा के स्टाइल स्टेटमेंट का खास हिस्सा थे। क्या था गोल्ड नेकलेस से कनेक्शनबप्पी दा ने कई इंटरव्यूज में बताया था कि दरअसल, सोने की चेन और नेकलेस उनके लिए काफी लकी है। बप्पी की इन चेन में गणपति और कई देवता के प्रतीक भी बने हुए थे। वह बिना इन जूलरी के किसी भी इवेंट में नहीं जाते थे। बप्पी दा सोने को अपने लिए लकी मानते थे। उनका कहना था कि सोना पहनने के बाद से ही उनके करियर को रफ्तार मिली थी। बप्पी लहरी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके 754 ग्राम सोना और 4...
खाने के बाद करता है कुछ मीठा खाने का मन? आज ही घर पर बनाएं मखाना बादाम बर्फी

खाने के बाद करता है कुछ मीठा खाने का मन? आज ही घर पर बनाएं मखाना बादाम बर्फी

यात्रा, लाइफस्टाइल, साइंस
नई दिल्ली खाने के बाद अक्सर कुछ मीठा खाने का मन करता है। ऐसे में जब घर में कुछ मीठा न हो तो आप मन को कंट्रोल करते हुए चीनी खा लेते हैं। लेकिन अगर आप घर में कुछ मीठा बनाकर रखना चाहते हैं तो आप मखाना बादाम बर्फी बनाकर रख सकते हैं। ये बेहद आसानी से बन जाएगी। वहीं बादाम और मखाना सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद भी होता है। ऐसे ये बर्फी स्वादे के साथ सेहतमंद भी साबित होगी।  मखाना बादाम बर्फी बनाने के लिए सामग्री मखाना पाउडर, बादाम पाउडर, चीनी, पानी, घी, केसर के रेशे, दूध कैसे बनाएं मखाना बादाम बर्फी बनाने के लिए बादाम को गर्म पानी में या रात भर भिगो दें। फिर कढ़ाई में मखाने को थोड़ा सा घी डालकर भून लें। बादाम के छिलके को छीलकर सुखा लें और बादाम और मखाने को अलग-अलग पीसकर पाउडर बना लें। फिर एक पैन में चाशनी बनाएं और उसमें केसर डालें। अब दूध डालें और अच्छी तरह मिलाएं। मखाना और बादा...
इंस्टेंट ग्लो पाने के लिए घर पर ही स्किन को दें ये चार ब्यूटी ट्रीटमेंट

इंस्टेंट ग्लो पाने के लिए घर पर ही स्किन को दें ये चार ब्यूटी ट्रीटमेंट

यात्रा, लाइफस्टाइल, साइंस
नई दिल्ली आमतौर पर स्पेशल दिखने के लिए लोग ब्यूटी पार्लर जाकर फेशियल करा आते हैं। खासतौर पर जब घर पर कोई इवेंट होता है, तो गर्ल्स एंड लेडिज फेशियल कराने के लिए पार्लर जाना ही प्रिफर करती हैं लेकिन फेशियल कराने से आपके चेहरे पर इंस्टेंट ग्लो आता है लेकिन फेशियल से लम्बे टाइम तक चेहरे पर निखार नहीं रहता। ऐसे में आप पार्लर जाने की बजाय घर में ही स्किन केयर रूटीन फॉलो करते हुए कुछ स्टेप्स लेने से चेहरे पर हमेशा ग्लो बनाए रख सकते हैं। फेशियल हेयर रिमूव करना आपके चेहरे पर कोई भी मेकअप ज्यादा टाइम तक स्टे नहीं कर सकता, अगर आपके चेहरे पर फेशियल हेयर रहेंगे। ऐसे में आपको फेशियल हेयर जरूर रिमूव करने चाहिए। इसके लिए आप होममेड माइल्ड वैक्स या फिर हेयर रिमूव करने की डिवाइस से हेयर रिमूव कर सकते हैं।  टैनिंग रिमूव करना धूप और पॉल्यूशन की वजह से आपका स्किन टोन काफी डल हो जाती है।...
बच्चों में होने वाले कैंसर से जुड़े इन भ्रमों को सच मानते हैं लोग

बच्चों में होने वाले कैंसर से जुड़े इन भ्रमों को सच मानते हैं लोग

यात्रा, लाइफस्टाइल, साइंस
नई दिल्ली बच्चों और बड़ों में होने वाले कैंसर अलग-अलग होते हैं। कैंसर के प्रकार और उपचार के लिए दी गयी प्रतिक्रिया और ईलाज दर के स्तर पर इनमें अंतर होता है। उदाहरण के तौर पर, बड़ों में सबसे ज्यादा होने वाले कैंसर में स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, मुंह का कैंसर और फेफड़े का कैंसर शुमार हैं। वहीं बच्चों में ल्यूकेमिया, ब्रेन एवं स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर, न्यूरोब्लास्टोमा, विल्म्स ट्यूमर, लिंफोमा और रेटिनोब्लास्टोमा के मामले पाए जाते हैं। बच्चों में कैंसर बहुत तेजी से फैलता है, लेकिन यदि सही समय पर पता चल जाए और सही इलाज मिले तो कीमोथेरेपी से नतीजे अच्छे मिलते हैं और इलाज दर भी अच्छी होती है। दिल्ली स्थित राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एवं रिसर्च सेंटर (आरजीसीआईआरसी) की निदेशक बाल चिकित्सा हेमाटोलॉजी एवं ऑन्कोलॉजी और आरजीसीआईआरसी नीति बाग की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. गौरी कपूर से जानें बच्चों में होन...