साउथैम्पटन
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला अब अपने आखिरी पड़ाव यानी रिजर्व डे में पहुंच चुका है। आखिरी दिन मौसम साफ रहने का अनुमान है और 98 ओवर का खेल संभव है। मैच अभी जिस स्थिति में है, उसे देखते हुए सभी तरह के रिजल्ट संभव हैं। मैच ड्रॉ भी हो सकता है, भारत भी जीत सकता है और न्यूजीलैंड भी चैंपियन बन सकता है। इनमें से कौन सा नतीजा सामने आएगा यह काफी हद तक खेल के पहले सेशन में तय हो सकता है।
अगर भारतीय टीम पहले सत्र के बाद 100 के ऊपर की लीड बना सकी और ज्यादातर विकेट सुरक्षित रहे तो आगे तेजी से बल्लेबाजी कर न्यूजीलैंड पर दबाव बनाया जा सकता है। वहीं, अगर भारतीय पारी कॉलैप्स कर जाती है तो न्यूजीलैंड के पास छोटे स्कोर का पीछा कर जीत हासिल करने का अच्छा मौका होगा। तब उतार-चढ़ाव जारी रहा तो टीमें मैच बचाने को तरजीह दे सकती हैं।
दिन 80.2 ओवर का खेल हुआ। चलिए जानते हैं कि मुकाबले के इस दिन खेल के टॉप-5 पहलू क्या रहे।
1. मोहम्मद शमी की गेंदबाजी
पांचवें दिन के खेल में मोहम्मद शमी की गेंदबाजी ने सबको प्रभावित किया। चोटिल रहने के कारण भारत के कई मुकाबलों से अनुपस्थित रहने वाले शमी भारतीय गेंदबाजों में सबसे ज्यादा प्रभावशाली नजर आए। उन्होंने क्रीज का बेहतरीन इस्तेमाल किया और करीब 140 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर गेंद को दोनों ओर मूव कराया। इसी का नतीजा है कि शमी चार विकेट लेने में सफल रहे और रॉस टेलर, बीजे वाटलिंग, कोलिन डि ग्रैंडहोम और काइल जेमिसन को पवेलियन की राह दिखाई।
2. ईशांत शर्मा ने दिया अच्छा साथ
ईशांत शर्मा ने शमी का बहुत अच्छा साथ दिया। पांचवें दिन उन्होंने कीवी कप्तान केन विलियम्सन और हेनरी निकोल्स का अहम विकेट लिया। ईशांत ने अपने 25 ओवर में सिर्फ 48 रन खर्च किए। मुकाबले से पहले यह चर्चा थी कि ईशांत की जगह मोहम्मद सिराज को प्लेइंग-11 में शामिल किया जाए, लेकिन ईशांत ने अपने प्रदर्शन से फिर साबित कर दिया कि इंग्लैंड के कंडीशन में भारतीय पेस अटैक के लीडर वही हैं।
3. केन विलियम्सन ने एक छोर से किला संभाला
न्यूजीलैंड की टीम अगर पहली पारी के आधार पर 32 रन की बढ़त ले पाई तो इसके पीछे कप्तान केन विलियम्सन की धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी सबसे बड़ी वजह रही। उन्होंने 177 गेंदों का सामना करते हुए 49 रन बनाए। इतने रन देखने-सुनने में कम लग सकते हैं, लेकिन मैच की परिस्थितियों के लिहाज से ये किसी शतकीय पारी से कम नहीं कहे जाएंगे।
4. विराट कोहली की शानदार कप्तानी
विराट कोहली ने पांचवें दिन गेंदबाजी में कई स्मार्ट बदलाव किए। उनके मूव से साफ था कि भारतीय टीम के पास हर कीवी बल्लेबाज के लिए अलग प्लान है। कई मौकों पर वे भारतीय गेंदबाजों के साथ बात करते हुए और उनका हौसला बढ़ाते हुए नजर आए। इसके अलावा उन्होंने केन विलियम्सन का बेहतरीन कैच भी लपका।
5. रंग में नहीं लौट सके बुमराह
मैच के तीसरे दिन बेअसर साबित हुए भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह पांचवें दिन के खेल में भी खास असर नहीं छोड़ पाए। वे टीम इंडिया के इकलौते ऐसे गेंदबाज रहे जिन्हें कोई विकेट नहीं मिला। बुमराह गेंद को स्विंग कराने में भी सफलता हासिल नहीं कर पा रहे थे। भारत को इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज भी खेलनी है और ऐसे में बुमराह का आउट ऑफ फॉर्म होना चिंता का विषय हो सकता है।

