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पहले जहूर, फिर बशीर और अब परमजीत पंजवड़, पाकिस्तान में भारत विरोधी आतंकियों को कौन मार रहा?

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के लाहौर में आतंकवादी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स के सरगना परमजीत सिंह पंजवड़ की हत्या हो गई है। बताया जा रहा है कि अज्ञात हमलावरों ने पंजवड़ के घर में घुसकर गोलियां मारी और मौके से फरार हो गए। इस हमले में परमजीत सिंह पंजवड़ की मौके पर ही मौत हो गई। लेकिन, यह भारत का इकलौता ऐसा मोस्ट वांटेड आतंकी नहीं है, जिसकी अज्ञात हमलावरों ने पाकिस्तान के अंदर गोली मारकर हत्या की है। पिछले एक साल के अंदर दो ऐसे अन्य आतंकवादियों की हत्या हो चुकी है, जिनकी भारत को बरसों से तलाश थी। इसमें पहला आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन का शीर्ष कमांडर बशीर मीर उर्फ इम्तियाज आलम, जबकि दूसरा जैश एक मोहम्मद के टॉप आतंकी जहूर मिस्त्री था।
कौन था परमजीत सिंह पंजवड़
परमजीत सिंह पंजवड़ 1990 से ही पाकिस्तान में मलिक सरदार सिंह के नाम से छिपा हुआ था। पंजवड़ सीमा पार से भारत में अवैध हथियारों और ड्रग्स की सप्लाई का रैकेट चलाता था। उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का संरक्षण प्राप्त था। आईएसआई पंजवड़ का इस्तेमाल पंजाब प्रांत में खालिस्तानी अलगाववाद को बढ़ाने और आतंकी वारदातों को अंजाम देने में करती थी। उसने 30 जून 1999 में चंडीगढ़ पासपोर्ट कार्यालय के पास बम ब्लास्ट कराया था। परमजीत सिंह पंजाब में तरनतारन जिले के झब्बाल गांव का रहने वाला था। पहले यह भारत में पंजाब के सोहल में एक केंद्रीय सहकारी बैंक में काम करता था। वह 1986 में अपने चचेरे भाई लाभ सिंह के आतंकी बनने के बाद खालिस्तान कमांडो फोर्स में शामिल हुआ था। लाभ सिंह को भारतीय सुरक्षा बलों ने मार गिराया था, जिसके बाद परमजीत ने खालिस्तान कमांडो फोर्स की कमान संभाली।
हिजबुल आतंकी बशीर मीर की भी हो चुकी है हत्या
इसी साल फरवरी में हिजबुल मुजाहिदीन का शीर्ष कमांडर बशीर मीर उर्फ इम्तियाज आलम की इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी थी। बशीर मीर के हत्यारे भी बाइक पर आए थे और गोलियां बरसाकर फरार हो गए थे। बशीर मीर हिजबुल मुजाहिदीन का टॉप कमांडरों में से एक था। वह कश्मीर में आतंकवाद के लिए युवाओं को जुटाने और उन्हें हथियार और गोला-बारूद उपलब्ध कराने का काम करता था। बशीर मीर पीओके में सक्रिय आतंकियों के लॉन्च पैड की भी जिम्मेदारी संभाले हुए था। बशीर मीर को हिजबुल मुजाहिदीन चीफ सैयद सलाहुद्दीन का करीबी माना जाता था। सलाहुद्दीन ने मीर को खास तौर पर लेपा सेक्टर में स्थित आतंकियों के लॉन्च पैड की जिम्मेदारी दी थी। बशीर मीर के मारे जाने के बाद उसके जनाजे में सैयद सलाहुद्दीन भी शामिल हुआ था। सलाहुद्दीन ने जनाजे में शामिल होने के दौरान भारत के खिलाफ जमकर जहर भी उगला था।
जहूर मिस्त्री की दुकान के अंदर हुई थी हत्या
जहूर मिस्त्री जैश-ए-मोहम्मद का टाप आतंकी था। वह 24 दिसंबर 1999 को हुए इंडियन एयरलाइंस के विमान अपहरण में भी शामिल था। मार्च 2022 में जहूर मिस्त्री की पाकिस्तान के कराची में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जहूर कराची में जाहिद अखुंद ने नाम से छिपा हुआ था। वह कराची के अख्तर कॉलोनी में क्रिसेंट फर्नीचर नाम से एक शो रूम भी चला रहा था। उसकी हत्या फर्नीचर दुकान के अंदर घुसकर की गई थी। उस वक्त भी बाइक सवार अज्ञात हमलावरों की बात निकलकर सामने आई थी। जहूर मिस्त्री के अंतिम संस्कार में रऊफ असगर सहित जैश-ए-मोहम्मद के कई शीर्ष आतंकी शामिल हुए थे। रऊफ असगर जैश का आॅपरेशनल चीफ है और मसूद अजहर का भाई है।
पाकिस्तान में भारत विरोधी आतंकियों को कौन मार रहा
पाकिस्तान में मारे गए ये तीनों आतंकी लंबे समय से भारतीय खुफिया एजेंसियों के रडार पर थे। लेकिन, इनकी हत्या के पीछे कौन है, इसका खुलासा नहीं हो सका है। कुछ लोगों का अनुमान है कि इनकी हत्या आपसी प्रतिद्वंदिता का परिणाम हो सकती हैं। ये तीनों अपने संगठनों के शीर्ष आतंकी थे। ऐसे में संगठन के दूसरे लोग इनकी जगह लेना चाहते थे। संभव है कि उनमें से ही किसी ने इनकी हत्या कर दी हो। फिलहाल पाकिस्तान पुलिस ने इन तीनों हत्याओं की जांच रिपोर्ट को टॉप सीक्रेट रखा है और हमलावरों के बारे में कोई भी जानकारी साझा नहीं की है।