श्रीगंगानगर (सीमा सन्देश)। शहर में पानी भराव वालों सड़कों के नवनिर्माण पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए गए। इसमें अधिकांश सड़कों पानी निकासी के लिए नाले और नालियां बनाई या पहले बनी नाली-नालियों के रख-रखाव का काम किया गया। परन्तु कुछ मार्ग ऐसे भी है जहां सड़कों का निर्माण तो हुए, लेकिन यहां से पानी निकासी की व्यवस्था के लिए नालों का निर्माण नहीं हुुआ। इस कारण पिछले दिनों हुई बरसात के बाद यह सड़के क्षतिग्रस्त हो गई। इसके कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। शुक्रवार को भी 21.50 करोड़ रुपए की लगात से बनी हनुमानगढ़ रोड़ पर हादसा हो गया। गनिमत रही है जिस वक्त हादसा हुआ उस दौरान वाहन के पास से कोई गुजर नहीं रहा था। अन्यथा कोई भी अनहोनी हो सकती थी। जानकारी अनुसार शुक्रवार को करीब अढ़ाई बजे लेखराज हेमराज फर्म से एक काश्तकार रीको स्थित फैक्ट्री के लिए करीब 50 क्विंटल गेहूं लेकर निकाला। जैसे ही वह नाथावालां में पानी एकत्र सड़क गुजरा तो यहां पनी ठहराव के कारण बने गड्ढे में ट्रैक्टर-ट्राली पलट गई। इससे ट्राली में लदा गेहूं सड़क पर बिखर गया। गनिमत यह रही कि पानी ठहराव के कारण हादसे के दौरान ट्राली के पास से कोई और नहीं गुजर रहा था। अन्यथा कोई भी अनहोनी हो सकती थी। सड़क पर गेंहू भरी ट्राली पलटने से जहां काश्तकार को नुकसान हुआ वहीं एक बारगी हुए ट्रैफिक जाम के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। काश्तकार महावीर ने बताया कि आढ़त की दुकान पर उन्होंने गेहू 2175 रुपए के भाव से बेच दिया,लेकिन दुकानदार ने इसका भुगतान फैक्ट्री में गेहंू पहुंच के बाद देने की बात कही। ऐसे में मजबूरन वह ट्रैक्टर -ट्राली से फैक्ट्री गेहूं पहुंचा रहा था और यह हादसा होने से उसे आर्थिक नुकसान हुआ । जबकि फैक्ट्री माल पहुंचने की जिम्मेवारी आढत वाले की थी।