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जयपुर में 70 रुपए किलो बिके टमाटर:दो घंटे में ही खाली हुए काउंटर; महिला बोलीं- ऑटो लेकर आई, लेकिन कुछ नहीं मिला

जयपुर. जयपुर में केन्द्रीय एजेंसी राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF) ने शुक्रवार को जयपुर में 5 जगह पर 70 रुपए किलो टमाटर बेचे। सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक अस्थाई विक्रय केंद्र पर टमाटर बेचने थे। लेकिन 2 घंटे में ही सभी केंद्रों पर स्टॉक खत्म हो गया। इसके बाद लोग टमाटर के लिए परेशान होते नजर आए। लोग ऑटो लेकर टमाटर लेने पहुंचे, लेकिन खाली हाथ लौटे।

शहर में आज 22 गोदाम पर सहकार भवन परिसर, उद्योग भवन परिसर, वैशाली नगर क्वींस रोड पर उपासना टावर, मानसरोवर मेट्रो स्टेशन और रामनगर- सोडाला में सस्ते टमाटर बेचे गए थे। हालांकि दोपहर 12 बजे जयपुर में वैशाली नगर में क्वींस रोड पर लगे स्टॉल की जगह पर सरकारी गाड़ी मौजूद नहीं थी।

उद्योग भवन पर भी टमाटर का स्टॉक खत्म हो गया। लोग परेशान होकर टमाटर खरीदने के लिए नई जगह का पता करने में जुटे हुए थे। उन्हें किसी ने कहा- 22 गोदाम पर सहकार भवन में सस्ते टमाटर मिल रहे हैं। इसके बाद सभी सहकार भवन पहुंचे। वहां टमाटर का कोई भी केंद्र नहीं था।

मौजूद कर्मचारियों ने बताया- सुबह से लगातार भीड़ आ रही थी। इससे परेशान होकर विक्रेता गाड़ी को 22 गोदाम सर्किल के पीछे गली में ले गया। यहां लोगों की उससे बहस हो गई। विक्रेता नरुद्दीन ने बताया कि- आज सरकार से सिर्फ 1100 किलो टमाटर मिले थे, जो कुछ ही देर में बिक गए। लोग उसकी बात पर विश्वास नहीं कर रहे थे। बल्कि टमाटर की कालाबाजारी करने का आरोप लगा रहे थे।

2 किलो टमाटर खरीदने के लिए महिला ऑटो से पहुंची। टमाटर नहीं मिले तो महिलाओं को निराशा हाथ लगी। जिसके बाद उन्होंने महंगाई के लिए केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

2 किलो टमाटर खरीदने के लिए महिला ऑटो से पहुंची। टमाटर नहीं मिले तो महिलाओं को निराशा हाथ लगी। जिसके बाद उन्होंने महंगाई के लिए केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

सोडाला की मंजू शर्मा ने बिगड़े हालात के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा- हम ऑटो कर टमाटर खरीदने पहुंचे थे। यहां पर भी टमाटर तो सस्ते नहीं मिले। बल्कि, हमारे ऑटो के पैसे भी लग गए। सरकार की लापरवाही की वजह से लगातार न सिर्फ टमाटर बल्कि दूसरी सब्जियां भी महंगी होती जा रही है। जिससे रसोई और घर का बजट बिगड़ गया है।

सोडाला की ही रहने वाली सुशीला कुमारी ने कहा- हमने सुना था आज सस्ते टमाटर मिल रहे हैं। जिसके बाद हम भी 2 जगहों पर टमाटर खरीदने के लिए गए। लेकिन कही भी टमाटर नहीं मिले। उन्होंने कहा कि सरकार आम आदमी की कोई परवाह नहीं करती है। मध्यमवर्गीय परिवारों का बजट लगातार बढ़ती महंगाई के बाद गड़बड़ा गया है। ऐसे में अगर जल्द से जल्द इस महंगाई पर लगाम नहीं लगाई गई।

सहकार भवन के पीछे जब लोगों को टमाटर नहीं मिले तो उन्होंने विक्रेता से बहस शुरू कर दी। जिसके बाद परेशान विक्रेता भी सड़क पर बैठ लोगों को समझाने की कोशिश करता रहा।

सहकार भवन के पीछे जब लोगों को टमाटर नहीं मिले तो उन्होंने विक्रेता से बहस शुरू कर दी। जिसके बाद परेशान विक्रेता भी सड़क पर बैठ लोगों को समझाने की कोशिश करता रहा।

नंदपुरी के रहने वाले राजेश यादव ने कहा कि मैंने अखबार में पढ़ा था, सरकार सस्ते टमाटर बेच रही है। जब मैं यहां टमाटर खरीदने पहुंच रहा था। तब मुझे किसी ने पावभर टमाटर तक नहीं दिए। बल्कि, यहां अव्यवस्थाओं का इतना बुरा हाल था कि कोई यह तक बताने को तैयार नहीं था कि टमाटर कहां कब और कैसे दिए जाएंगे।

जयपुर में 5 जगह पर सस्ते टमाटर की बिक्री होनी थी। बिक्री के कुछ ही घंटों में सभी जगहों पर टमाटर खत्म हो गए। शुक्रवार को 5000 किलो से ज्यादा टमाटर बेचे गए।

जयपुर में 5 जगह पर सस्ते टमाटर की बिक्री होनी थी। बिक्री के कुछ ही घंटों में सभी जगहों पर टमाटर खत्म हो गए। शुक्रवार को 5000 किलो से ज्यादा टमाटर बेचे गए।

रामगंज के रहने वाले राम वाल्मीकि ने कहा- मैंने सुना था सरकार सस्ते टमाटर बेच रही है। जिसके बाद में ऑफिस जाने से पहले टमाटर खरीदने पहुंचा था। यहां मुझे एक टमाटर भी नहीं मिल सका।

राम ने कहा- सरकार एक तरफ पाकिस्तान की महंगाई का हवाला देती है। लोग कहते हैं पाकिस्तान में टमाटर इतना महंगा हो रहा है। अरे भाई राजस्थान में कहां सस्ता मिल रहा है। यहां भी पाकिस्तान जैसे हालात पैदा हो गए हैं। महंगाई हर दिन अपने ही रिकॉर्ड तोड़ रही है। टमाटर जैसी सब्जियों के लिए इंसान को परेशान होना पड़ रहा है। इतने बुरे हालात तो मैं भी पहली बार देख रहा हूं।