नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार की पहल के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का मुनाफा पिछले नौ साल में तीन गुना बढ़कर 1.04 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2023 में लगभग तीन गुना बढ़कर 1.04 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2014 में 36,270 करोड़ रुपये था। पंजाब एंड सिंध बैंक के कॉरपोरेट कार्यालय का उद्घाटन करते हुए मंत्री ने कहा कि बैंकों को सर्वश्रेष्ठ कॉरपोरेट गवर्नेंस सिद्धांतों का पालन करते हुए ‘प्रतिष्ठा हासिल करने’ की जरूरत है।
वित्त मंत्री बोलीं- बैंक मजबूत हुए पर उन्हें आराम से नहीं बैठना चाहिए
उन्होंने कहा, ‘बैंकों को आराम से नहीं बैठना चाहिए और सफलता का जश्न नहीं मनाना चाहिए। उन्हें सर्वश्रेष्ठ कॉरपोरेट गवर्नेंस प्रथाओं का पालन करना चाहिए, नियामक मानदंडों का पालन करना चाहिए, विवेकपूर्ण तरलता प्रबंधन सुनिश्चित करना चाहिए और मजबूत परिसंपत्ति-देयता और जोखिम प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखना चाहिए। वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ‘दोहरी बैलेंस शीट की परेशानी’ से उबर कर ‘ दोहरी बैलेंस शीट लाभ’ की स्थिति में आ गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि एक समय था जब भारतीय अर्थव्यवस्था को दोहरे बैलेंस शीट की समस्या का सामना करना पड़ता था – एक ही समय में बैंकों और कॉरपोरेट की बैलेंस शीट पर दबाव रहता था।
मोदी सरकार से पहले बिना सोचे-समझे लोन दिए गए इसलिए वे एनपीए हुए
उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले, भारतीय बैंकिंग प्रणाली में कठिनाई वास्तव में तर्कहीन ‘फोन बैंकिंग’ के कारण शुरू हुई थी, जो यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई थी। सीतारमण ने कहा कि उस समय कर्ज देने में गैर-पेशेवर तरीके से अयोग्य ग्राहकों को प्राथमिकता दी जाती थी। नतीजतन, वे एनपीए बन गए। उन्होंने कहा, ‘सरकार की विभिन्न पहलों के परिणामस्वरूप मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि दोहरे बैलेंस शीट की समस्याएं दूर हो गई हैं।’ उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के अनुसार, हम दोहरे बैलेंस शीट की लाभ की स्थिति में हैं जो भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभान्वित कर रहा है।
2014 के मुकाबले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का मुनाफा तीन गुना हुआ
सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का संयुक्त मुनाफा वित्त वर्ष 2014 के 36,270 करोड़ रुपये के मुकाबले 2022-23 में तीन गुना बढ़कर 1.04 लाख करोड़ रुपये हो गया। मंत्री ने कहा, ‘इस स्तर पर भारत के लोगों के प्रति यह हमारा कर्तव्य है कि हम यह सुनिश्चित करें कि बैंक अपनी ताकत पर आगे बढ़ सकें और इस गति को न खोएं जो हमने हासिल की है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से मोदी सरकार की ओर से की गई विभिन्न पहलों के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि परिसंपत्ति पर रिटर्न, शुद्ध ब्याज मार्जिन और प्रावधान कवरेज अनुपात जैसे सभी महत्वपूर्ण मानकों में सुधार हुआ है।
पीएसयू बैंकों में नई जान फूंकने के लिए अपनाई गई 4आर की नीति
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नयी जान फूंकने के लिए 4आर रणनीति अपनाई है। 4आर रणनीति का मतलब गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों की समस्या को पहचानना, बैंकों का पुनपूर्जीकरण करना, उनकी समस्याओं का समाधान करना और उनमें सुधार करना है।
वित्त मंत्री ने कहा- जिन राज्यों में कम ऋण लिए जाते हैं वहां ध्यान केंद्रित करें बैंक
सीतारमण ने कहा कि बैंकों को वित्तीय समावेशन योजनाओं का अधिकतम उपयोग करने के लिए लोगों तक पहुंचने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उन राज्यों में ऋण पहुंच पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए जहां ऋण उठाव राष्ट्रीय औसत से कम है, विशेष रूप से देश के पूर्वोत्तर और पूर्वी हिस्सों में। उन्होंने कहा कि उन्हें सीमावर्ती क्षेत्रों में बैंकिंग उपस्थिति बढ़ाने का लक्ष्य रखना चाहिए विशेष रूप से वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम में शामिल क्षेत्रों में। मंत्री ने पंजाब एंड सिंध बैंक की कहानी को भी याद किया जिसे 1947 में विभाजन के कारण नुकसान उठाना पड़ा था। दस शाखाओं में से केवल दो भारत में रहीं, जबकि बाकी पाकिस्तान चली गईं। 1947 में सिर्फ दो शाखाओं से शुरू होकर पंजाब एंड सिंध बैंक की वर्तमान में 1,553 शाखाएं हैं, और असम के करीमगंज में 1554 वीं शाखा का उद्घाटन शनिवार को मंत्री की ओर से आॅनलाइन किया गया।
